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1 = केवल सेंधा नमक प्रयोग करे!थायराईड बी पी और पेट ठीक होगा!
2 = केवल स्टील का कुकर ही प्रयोग करें!अल्युमिनियम में मिले हुए लेड से होने वाले नुकसानों से बचेंगे!
3 = कोई भी रिफाइंड तेल ना खाकर केवल तिल! मूंगफली सरसों और नारियल का प्रयोग करें!रिफाइंड में बहुत केमिकल होते है!जो शरीर में कई तरह की बीमारियाँ पैदा करते है!
4 = सोयाबीन बड़ी को 2 घण्टे भिगो कर मसल कर ज़हरीली झाग निकल कर ही प्रयोग करे!
5 = रसोई में एग्जास्ट फैन जरूरी है!प्रदूषित हवा बाहर करे!
6 = काम करते समय स्वयं को अच्छा लगने वाला संगीत चलाएं। खाने में भी अच्छा प्रभाव आएगा और थकान कम होगी!
7 = देसी गाय के घी का प्रयोग बढ़ाएं। अनेक रोग दूर होंगे, वजन नहीं बढ़ता!
8 = ज्यादा से ज्यादा मीठा नीम/कढ़ी पत्ता खाने की चीजों में डालें सभी का स्वास्थ्य ठीक करेगा!
9 = ज्यादा से ज्यादा चीजें लोहे की कढ़ाई में ही बनाएं! आयरन की कमी किसी को नहीं होगी!
10 = भोजन का समय निश्चित करे!पेट ठीक रहेगा! भोजन के बीच बात न करें!भोजन ज्यादा पोषण देगा!
11 = नाश्ते में अंकुरित अन्न शामिल करें!पोषक विटामिन और फाइबर मिलेंगे!
12 = सुबह के खाने के साथ देशी गाय के दूध का बना ताजा दही लें पेट ठीक रहेगा!
13 = चीनी कम से कम प्रयोग करें!ज्यादा उम्र में हड्डियां ठीक रहेंगी!
14 = चीनी की जगह बिना मसले का गुड़ या देशी शक्कर ले!
15 = छौंक में राई के साथ कलौंजी का भी प्रयोग करे! फायदे इतने कि लिख ही नहीं सकते!
16 = चाय के समय आयुर्वेदिक पेय की आदत बनाएं व निरोग रहेंगे!
17 = एक डस्टबिन रसोई में और एक बाहर रखें!सोने से पहले रसोई का कचरा बाहर के डस्ट बिन में डालें!
18 = रसोई में घुसते ही नाक में घी या सरसों का तेल लगाएं सर और फेफड़े स्वस्थ रहेंगें!
19 = करेले मैथी और मूली यानि कड़वी सब्जियां भी खाएँ, रक्त शुद्ध रहेगा!
20 = पानी मटके वाले से ज्यादा ठंडा न पिएं, पाचन व दांत ठीक रहेंगे!
21 = प्लास्टिक और अल्युमिनियम रसोई से हटाएं दोनों केन्सर कारक है!
22‌ = माइक्रोवेव ओवन का प्रयोग कैंसर कारक है!
23 = खाने की ठंडी चीजें कम से कम खाएँ पेट और दांत को खराब करती हैं!
24 = बाहर का खाना बहुत हानिकारक है!खाने से सम्बंधित ग्रुप से जुड़कर सब घर पर ही बनाएं!
25 = तली चीजें छोड़ें वजन पेट एसिडिटी ठीक रहेंगी!
26 = मैदा बेसन छौले राजमां और उड़द कम खाएँ गैस की समस्या से बचेंगे!
27 = अदरक अजवायन का प्रयोग बढ़ाएं गैस और शरीर के दर्द कम होंगे!
28 = बिना कलौंजी वाला अचार हानिकारक होता है!
29 = पानी का फिल्टर R O वाला हानिकारक है!-U V वाला ही प्रयोग करे!सस्ता भी और बढ़िया भी!
30 = रसोई में ही बहुत से कॉस्मेटिक्स हैं!इस प्रकार के ग्रुप से जानकारी लें!
31 = रात को आधा चम्मच त्रिफला एक कप पानी में डाल कर रखें!सुबह कपड़े से छान कर इस जल से आंखें धोएं, चश्मा उतर जाएगा। छानने के बाद जो पाउडर बचे उसे फिर एक गिलास पानी में डाल कर रख दें!रात को पी जाएं!पेट साफ होगा कोई रोग एक साल में नहीं रहेगा
32 = सुबह रसोई में चप्पल न पहनें शुद्धता भी एक्यू प्रेशर भी!
33 = रात का भिगोया आधा चम्मच कच्चा जीरा सुबह खाली पेट चबा कर वही पानी पिएं एसिडिटी खतम!
34 = एक्यूप्रेशर वाले पिरामिड प्लेटफार्म पर खड़े होकर खाना बनाने की आदत बना लें तो भी सब बीमारियां शरीर से निकल जायेंगी!
35 = चौथाई चम्मच दालचीनी का कुल उपयोग दिन भर में किसी भी रूप में करने पर निरोगता अवश्य होगी!
36 = रसोई के मसालों से बनी चाय मसाला स्वास्थ्यवर्धक है!
37 = सर्दियों में नाखून के बराबर जावित्री कभी चूसने से सर्दी के असर से बचाव होगा!
38 = सर्दी में बाहर जाते समय 2 चुटकी अजवायन मुहं में रखकर निकलिए सर्दी से नुकसान नहीं होगा!
39 = रस निकले नीबू के चौथाई टुकड़े में जरा सी हल्दी! नमक फिटकरी रख कर दांत मलने से दांतों का कोई भी रोग नहीं रहेगा!
40 = कभी - कभी नमक - हल्दी में 2 बून्द सरसों का तेल डाल कर दांतों को उंगली से साफ करें दांतों का कोई रोग टिक नहीं सकता!
41 = बुखार में 1 लीटर पानी उबाल कर 250 ml कर लें, साधारण ताप पर आ जाने पर रोगी को थोड़ा थोड़ा दें, दवा का काम करेगा!
42 = सुबह के खाने के साथ घर का जमाया देशी गाय का ताजा दही जरूर शामिल करें! प्रोबायोटिक का काम करेगा!
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हृदय की बीमारी के आयुर्वेदिक इलाज!
हमारे देश भारत मे 3000 साल पहले एक बहुत बड़े ऋषि हुये थे!उनका नाम था महाऋषि वागवट जी!!
उन्होने एक पुस्तक लिखी थी!जिसका नाम है अष्टांग हृदयम!-(Astang Hridayam)
इस पुस्तक मे उन्होने बीमारियो को ठीक करने के लिए 7000 सूत्र लिखे थे!
यह उनमे से ही एक सूत्र है !!
वागवट जी लिखते है!कि कभी भी हृदय को घात हो रहा है!मतलब दिल की नलियों मे Blockage होना शुरू हो रहा है तो इसका मतलब है कि रक्त (Blood) मे Acidity (अम्लता) बढ़ी हुई है!
अम्लता आप समझते है!जिसको अँग्रेजी में Acidity भी कहते हैं और यह अम्लता दो तरह की होती है !
एक होती है पेट कि अम्लता !
और
एक होती है रक्त (Blood) की अम्लता !
आपके पेट मे अम्लता जब बढ़ती है तो आप कहेंगे पेट मे जलन सी हो रही है!खट्टी खट्टी डकार आ रही है!मुंह से पानी निकल रहा है!और अगर ये अम्लता (Acidity) और बढ़ जाये तो इसे Hyperacidity कहते हैं!
फिर यही पेट की अम्लता बढ़ते - बढ़ते जब रक्त मे आती है!तो रक्त अम्लता-(Blood Acidity) होती है!और जब Blood मे Acidity बढ़ती है तो ये अम्लीय रक्त दिल की नलियों में से निकल नहीं पाता और नलियों में Blockage कर देता है और तभी Heart Attack होता है!इसके बिना Heart Attack नहीं होता और ये आयुर्वेद का सबसे बढ़ा सच है!जिसको कोई डाक्टर आपको बताता नहीं!क्योंकि इसका इलाज सबसे सरल है !!
एसीडिटी का इलाज क्या है!
वागबट जी आगे लिखते है कि जब रक्त (Blood) में अम्लता (Acidity) बढ़ गई है!तो आप ऐसी चीजों का उपयोग करें जो क्षारीय है!
आप जानते है!दो तरह की चीजे होती है!
अम्लीय (Acidic)
और
क्षारीय (Alkaline)
अब अम्ल और क्षार (Acid and Alkaline) को मिला दें तो क्या होता है!
हम सब जानते है!Neutral होता है!
तो वागबट जी लिखते है!कि रक्त की अम्लता बढ़ी हुई है! तो क्षारीय (Alkaline) चीजे खाओ!तो रक्त की अम्लता (Acidity) Neutral हो जाएगी और जब रक्त मे अम्लता Neutral हो गई तो Heart Attack की जिंदगी मे कभी संभावना ही नहीं होगी!
ये है सारी कहानी!
अब आप पूछोगे जी ऐसे कौन सी चीजे है जो क्षारीय है! और हम खाये!
आपके रसोई घर मे ऐसी बहुत सी चीजे है जो क्षारीय है! जिन्हें अगर आप खायें तो कभी Heart Attack न आयेगा और अगर आ गया तो दुबारा नहीं आएगा!
आपके घर में जो सबसे ज्यादा क्षारीय चीज है वह है! लौकी जिसे हम दुधी भी कहते है!और English मे इसे Bottle Gourd भी कहते हैं जिसे आप सब्जी के रूप मे खाते है!
इससे ज्यादा कोई क्षारीय चीज ही नहीं है!इसलिये आप हर रोज़ लौकी का रस निकाल कर पियें या अगर खा सकते है!तो कच्ची लौकी खायें!
वागवतट जी के अनुसार रक्त की अम्लता कम करने की सबसे ज्यादा ताकत लौकी में ही है!इसलिए आप लौकी के रस का सेवन करें!
कितना मात्रा में सेवन करें!
रोज 200 से 300 ग्राम लौकी का रस ग्राम पियें!
कब पिये!
सुबह खाली पेट (Toilet) शौच जाने के बाद पी सकते है!या फिर नाश्ते के आधे घंटे के बाद पी सकते हैं!
इस लौकी के रस को आप और ज्यादा क्षारीय भी बना सकते हैं!जिसके लिए इसमें 7 से 10 पत्ते के तुलसी के डाल लें क्योंकि तुलसी बहुत क्षारीय है!
इसके साथ आप पुदीने के 7 से 10 पत्ते भी मिला सकते है!क्योंकि पुदीना भी बहुत क्षारीय होता है!
इसके साथ आप इसमें काला नमक या सेंधा नमक भी जरूर डाले!ये भी बहुत क्षारीय है!याद रखे नमक काला या सेंधा ही डालें दूसरा आयोडीन युक्त नमक कभी न डालें!
ये आओडीन युक्त नमक अम्लीय है!
तो मित्रों आप इस लौकी के जूस का सेवन जरूर करे 2 से 3 महीने आपकी सारी Heart की Blockage ठीक कर देगा!-21 वे दिन ही आपको बहुत ज्यादा असर दिखना शुरू हो जाएगा और फिर आपको कोई आपरेशन की जरूरत नहीं पड़ेगी!
घर मे ही हमारे भारत के आयुर्वेद से इसका इलाज हो जाएगा और आपका अनमोल शरीर और लाखों रुपए आपरेशन के बच जाएँगे और जो पैसे बच जायें उसे अगर इच्छा हो किसी गौशाला मे दान कर दें क्योंकि डाक्टर को देने से अच्छा है किसी गौशाला दान दे!
हमारी गौ माता बचेगी तो भारत बचेगा....!!
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हल्दी का पानी
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पानी में हल्दी मिलाकर पीने से यह 7 फायदें होते है...!!
1. गुनगुना हल्दी वाला पानी पीने से दिमाग तेज होता है! सुबह के समय हल्दी का गुनगुना पानी पीने से दिमाग तेज और उर्जावान बनता है!
2.‌ आप यदि रोज़ हल्दी का पानी पीते हैं!तो इससे खून में होने वाली गंदगी साफ होती है!और खून जमता भी नहीं है!यह खून साफ करता है!और दिल को बीमारियों से भी बचाता है!
3. लीवर की समस्या से परेशान लोगों के लिए हल्दी का पानी किसी औषधि से कम नही है!क्योंकि हल्दी का पानी टाॅक्सिस लीवर के सेल्स को फिर से ठीक करता है! इसके अलावा हल्दी और पानी के मिले हुए गुण लीवर को संक्रमण से भी बचाते हैं!
4. हार्ट की समस्या से परेशान लोगों को हल्दी वाला पानी पीना चाहिए क्योंकि हल्दी खून को गाढ़ा होने से बचाती है जिससे हार्ट अटैक की संभावना कम हो जाती है...!!
5. जब हल्दी के पानी में शहद और नींबू मिलाया जाता है!तब यह शरीर के अंदर जमे हुए विषैले पदार्थों को निकाल देता है!जिसे पीने से शरीर पर बढ़ती हुई उम्र का असर नहीं पड़ता है!हल्दी में फ्री रेडिकल्स होते हैं जो सेहत और सौंदर्य को बढ़ाते है...!!
6. शरीर में किसी भी तरह की सूजन हो और वह किसी दवाई से ना ठीक हो रही हो तो आप हल्दी वाला पानी का सेवन करें!हल्दी में करक्यूमिन तत्व होता है!जो सूजन और जोड़ों में होने वाले असहय दर्द को ठीक कर देता है! सूजन की अचूक दवा है हल्दी का पानी!
7. कैंसर खत्म करती है हल्दी!हल्दी कैंसर से लड़ती है! और उसे बढ़ने से भी रोक देती है!क्योंकि हल्दी एंटी - कैंसर युक्त होती है!और यदि आप सप्ताह में तीन दिन हल्दी वाला पानी पीएगें तो आपको भविष्य में कैंसर से हमेशा बचे रहेगे!
हमारे वेदों के अनुसार स्वस्थ रहने के १५ नियम हैं...!!
१ - खाना खाने के १.३० घंटे बाद ही पानी पीना चाहिए!
२ - पानी घूँट घूँट करके पीना है!जिससे अपनी मुँह की लार पानी के साथ मिलकर पेट में जा सके पेट में Acid बनता है और मुँह में छार दोनो पेट में बराबर मिल जाए तो कोई रोग पास नहीं आएगा!
३ - पानी कभी भी ठंडा (फ़्रिज़ का) नहीं पीना है!
४ - सुबह उठते ही बिना क़ुल्ला किए २ ग्लास पानी पीना चाहिए!रात भर जो अपने मुँह में लार है!वो अमूल्य है! उसको पेट में ही जाना ही चाहिए!
५ - खाना जितने आपके मुँह में दाँत है!उतनी बार ही चबाना है!
६ - खाना ज़मीन में पलोथी मुद्रा में बैठकर या उखड़ूँ बैठकर ही खाना चाहिए!
७ - खाने के मेन्यू में एक दूसरे के विरोधी भोजन एक साथ ना करे जैसे दूध के साथ दही प्याज़ के साथ दूध दही के साथ उड़द की दlल!
८ - समुद्री नमक की जगह सेंधा नमक या काला नमक खाना चाहिए!
९ - रीफ़ाइन तेल डालडा ज़हर है!इसकी जगह अपने इलाक़े के अनुसार सरसों तिल मूँगफली या नारियल का तेल उपयोग में लाए!सोयाबीन के कोई भी प्रोडक्ट खाने में ना ले इसके प्रोडक्ट को केवल सुअर पचा सकते है! आदमी में इसके पचाने के एंज़िम नहीं बनते हैं!
१० - दोपहर के भोजन के बाद कम से कम ३० मिनट आराम करना चाहिए और शाम के भोजन बाद ५०० क़दम पैदल चलना चाहिए!
११ - घर में चीनी (शुगर) का उपयोग नहीं होना चाहिए क्योंकि चीनी को सफ़ेद करने में १७ तरह के ज़हर (केमिकल ) मिलाने पड़ते है!इसकी जगह गुड़ का उपयोग करना चाहिए और आज कल गुड़ बनाने में कॉस्टिक सोडा (ज़हर) मिलाकर गुड को सफ़ेद किया जाता है!इसलिए सफ़ेद गुड़ ना खाए!प्राकृतिक गुड़ ही खाये!प्राकृतिक गुड़ चाकलेट कलर का होता है!
१२ - सोते समय आपका सिर पूर्व या दक्षिण की तरफ़ होना चाहिए!
१३ - घर में कोई भी अलूमिनियम के बर्तन या कुकर नहीं होना चाहिए!हमारे बर्तन मिट्टी पीतल लोहा और काँसा के होने चाहिए!
१४ - दोपहर का भोजन ११ बजे तक अवश्य और शाम का भोजन सूर्यास्त तक हो जाना चाहिए!
१५ - सुबह भोर के समय तक आपको देशी गाय के दूध से बनी छाछ (सेंधl नमक और ज़ीरा बिना भुना हुआ मिलाकर) पीना चाहिए!
यदि आपने ये नियम अपने जीवन में लागू कर लिए तो आपको डॉक्टर के पास जाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी और देश के ८ लाख करोड़ की बचत होगी!यदि आप बीमार है!तो ये नियमों का पालन करने से आपके शरीर के सभी रोग (BP, शुगर ) अगले ३ माह से लेकर १२ माह में ख़त्म हो जाएँगे!
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सर्दियों में उठायें मेथी दानों से भरपूर लाभ
मेथीदाना उष्ण वात व कफनाशक पित्तवर्धक पाचनशक्ति व बलवर्धक एवं ह्रदय के लिए हितकर है! यह पुष्टिकारक शक्ति स्फूर्तिदायक टॉनिक की तरह कार्य करता है!सुबह–शाम इसे पानी के साथ निगलने से पेट को निरोग बनाता है!कब्ज व गैस को दूर करता है!इसकी मूँग के साथ सब्जी बनाकर भी खा सकते हैं!यह मधुमेह के रोगियों के लिए खूब लाभदायी है!
अपनी आयु के जितने वर्ष व्यतीत हो चुके हैं!उतनी संख्या में मेथीदाने रोज धीरे–धीरे चबाना या चूसने से वृद्धावस्था में पैदा होने वाली व्याधियों जैसे घुटनों व जोड़ों का दर्द भूख न लगना हाथों का सुन्न पड़ जाना सायटिका मांसपेशियों का खिंचाव बार -बार मूत्र आना, चक्कर आना आदि में लाभ होता है!गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भुने मेथी दानों का चूर्ण आटे के साथ मिला के लड्डू बना के खाना लाभकारी है!
मेथी दाने से शक्तिवर्धक पेय
दो चम्मच मेथीदाने एक गिलास पानी में ४ – ५ घंटे भिगोकर रखें फिर इतना उबालें कि पानी चौथाई रह जाय इसे छानकर २ चम्मच शहद मिला के पियें!
औषधीय प्रयोग
1. कब्ज : २० ग्राम मेथीदाने को २०० ग्राम ताजे पानी में भिगो दें. ५-६ घंटे बाद मसल के पीने से मल साफ़ आने लगता है!भूख अच्छी लगने लगती है और पाचन भी ठीक होने लगता है!
2. जोड़ों का दर्द : १०० ग्राम मेथीदाने अधकच्चे भून के दरदरा कूट लें!इसमें २५ ग्राम काला नमक मिलाकर रख लें!-२ चम्मच यह मिश्रण सुबह-शाम गुनगुने पानी से फाँकने से जोड़ों कमर व घुटनों का दर्द आमवात (गठिया) का दर्द आदि में लाभ होता है!इससे पेट में गैस भी नहीं बनेगी!
3. पेट के रोगों में :१ से ३ ग्राम मेथी दानों का चूर्ण सुबह दोपहर व शाम को पानी के साथ लेने से अपच दस्त भूख न लगना अफरा दर्द आदि तकलीफों में बहुत लाभ होता है!
4. दुर्बलता : १ चम्मच मेथीदानों को घी में भून के सुबह - शाम लेने से रोगजन्य शारीरिक एवं तंत्रिका दुर्बलता दूर होती है!
5. मासिक धर्म में रुकावट : ४ चम्मच मेथीदाने १ गिलास पानी में उबालें!आधा पानी रह जाने पर छानकर गर्म–गर्म ही लेने से मासिक धर्म खुल के होने लगता है!
6. अंगों की जकड़न :भुनी मेथी के आटे में गुड़ की चाशनी मिला के लड्डू बना लें-१–१ लड्डू रोज सुबह खाने से वायु के कारण जकड़े हुए अंग १ सप्ताह में ठीक हो जाते हैं तथा हाथ–पैरों में होने वाला दर्द भी दूर होता है!
7. विशेष : सर्दियों में मेथीपाक मेथी के लड्डू मेथीदानों व मूँग–दाल की सब्जी आदि के रूप में इसका सेवन खूब लाभदायी हैं!
IMPORTANT
HEART ATTACK और गर्म पानी पीना!
यह भोजन के बाद गर्म पानी पीने के बारे में ही नहीं Heart Attack के बारे में भी एक अच्छा लेख है!
चीनी और जापानी अपने भोजन के बाद गर्म चाय पीते हैं!ठंडा पानी नहीं!अब हमें भी उनकी यह आदत अपना लेनी चाहिए!जो लोग भोजन के बाद ठंडा पानी पीना पसन्द करते हैं!यह लेख उनके लिए ही है!
भोजन के साथ कोई ठंडा पेय या पानी पीना बहुत हानिकारक है!क्योंकि ठंडा पानी आपके भोजन के तैलीय पदार्थों को जो आपने अभी अभी खाये हैं!ठोस रूप में बदल देता है!
इससे पाचन बहुत धीमा हो जाता है!जब यह अम्ल के साथ क्रिया करता है!तो यह टूट जाता है!और जल्दी ही यह ठोस भोजन से भी अधिक तेज़ी से आँतों द्वारा सोख लिया जाता है!यह आँतों में एकत्र हो जाता है!फिर जल्दी ही यह चरबी में बदल जाता है!और कैंसर के पैदा होने का कारण बनता है!
इसलिए सबसे अच्छा यह है!कि भोजन के बाद गर्म सूप या गुनगुना पानी पिया जाये!एक गिलास गुनगुना पानी सोने से ठीक पहले पीना चाहिए!इससे खून के थक्के नहीं बनेंगे और आप हृदयाघात से बचे रहेंगे!

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