ग्राम पंचायत में कितना रूपया किसके नाम निकाला गया और कितना मिला पूरी जानकारी प्राप्त करें अपने मोबाईल पर ही...............
ई ग्राम स्वराज पोर्टल ग्राम पंचायतों
के ऑनलाइन रिकॉर्ड को बनाए रखने के लिए एक वेब-आधारित पोर्टल है ,
जो पंचायती राज
संस्थानों के लिए विकेंद्रीकृत योजना, प्रगति रिपोर्टिंग और कार्य-आधारित लेखांकन
में पारदर्शिता सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करता है।
पंचायती राज मंत्रालय द्वारा विकसित कौन सा ई एप्लिकेशन पंचायतों को बनाई गई संपत्ति के अपलोड विवरण बनाए रखने के लिए प्रदान करता है?
ग्राम पंचायत में कितना पैसा आया कैसे चेक करें?
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सबसे पहले आपको ग्राम पंचायत कितना पैसा आया है देखने के लिए आपको अपने मोबाइल
के google में जाकर egramswaraj.gov.in लिखकर सर्च करना होगा या सीधे वेबसाइट पर
जाने के लिए इस लिंक का उपयोग करे
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इसके बाद आपके मोबाइल पर देश के सभी राज्यों का लिस्ट दिखाई देने लगेगा जिसमे
आप अपने राज्य को लिस्ट में खोजकर उस पर सेलेक्ट कर देना है।
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राज्य को चुनने के बाद आपके स्क्रीन पर राज्य के सभी जिला के नाम आ जायेगा
जिसमे आपको अपने जिला को लिस्ट में खोजकर सेलेक्ट कर देना है।
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इसी प्रकार आपके मोबाइल पर आपके जिला में जितने भी ब्लॉक है उन सभी के लिस्ट
दिखाई देने लगेगा जिसमे आपको अपने ब्लॉक का चयन करना है।
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ब्लॉक का चयन करने के बाद आपके ब्लॉक में जितने भी ग्राम पंचयात है उन सभी के
लिस्ट सामने आ जायेगा जिसमे आपको अपने ग्राम पंचायत चुनाव करना है।
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ग्राम पंचायत को चुनने के बाद आपके ग्राम पंचायत में किस काम के लिए कितना
पैसा आया है इन सभी का लिस्ट सामने आ जायेगा जिसमे आप देखकर जान सकते है।
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इस प्रकार आप आसानी से अपने ग्राम पंचायत में कितना पैसा आया कितना खर्च हुआ
है आसानी से देख सकते है।
ग्राम पंचायत में कितना पैसा आया चेक करने के लिए
सरकार की वेबसाइट egramswaraj.gov.in
को ओपन करना होगा इसके बाद प्लानिंग और
रिपोर्टिंग के सेक्शन में ग्राम पंचायत के विकल्प को चुने
फिर अपने राज्य को चुने फिर अपने जिला चुने फिर ब्लॉक को चुने इसके बाद ग्राम पंचायत चुने उसके बाद search बटन को सेलेक्ट करे फिर ग्राम पंचायत का विवरण खुल जायेगा जिसमे चेक कर सकते है।
ग्राम पंचायत का बजट कितना होता है?
ऐसे में एक ग्राम पंचायत को कम से कम
भी हर साल नौ लाख रुपए का बजट मिलता है। मनरेगा { इसकेतहत
केंद्र सरकार से हर साल लगभग 12 करोड़ रुपए मिलते हैं। प्रधानब्लॉक स्तर पर काम करता है। जिला
प्रमुख प्रधान गांवों में होने वाले आपसी विवादों का फैसला भी सुनाते हैं।
राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) 24 अप्रैल 2018 को पंचायती
राज मंत्रालय, सरकार की एक छत्र योजना के रूप में शुरू किया गया था। भारत की । यह ग्रामीण
क्षेत्रों में पूरे भारत में पंचायती राज प्रणाली को विकसित और मजबूत करने के लिए
प्रस्तावित एक अनूठी योजना है।
मैं ई ग्राम स्वराज ऐप कैसे डाउनलोड करूं? ग्राम पंचायत का एप्स कौन सा है?
आप ग्राम स्वराज ऐप को प्ले स्टोर से या आधिकारिक पोर्टल से डाउनलोड कर
सकते हैं। पंचायतों का लेखाजोखा
रखने वाला सिंगल डिजिटल प्लेटफार्म ई-ग्राम स्वराज ऐप है।
इसमें पंचायत के विकास कार्यों, उसके फंड और
कामकाज की जानकारियां हर व्यक्ति को मिलेगी। इस ऐप के जरिए अब ट्रांसपरेंसी बढ़ेगी।
ग्राम प्रधान के कार्यों की शिकायत कैसे करें?
हर राज्य में अलग अलग हेल्पलाइन नंबर है जिसकी
मदद से आम नागरिक अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है व आप ग्राम प्रधान की शिकायत करना
चाहते है तो आप 1076 पर कॉल करके शिकायत दर्ज कर सकते है कुछ राज्य के हेल्पलाइन
नंबर अलग अलग भी हो सकते है यह बहुत ही आसान तरीका है जिससे की आप घर बैठे सिर्फ
एक फोन कॉल से शिकायत दर्ज कर पाएंगे.
सबसे पहले ऑफिशल वेबसाइट egramswaraj.gov.in को ओपन करना है. जिसका लिंक नीचे भी उपलब्ध करवा दिया है. इसके
बाद होम पेज पर आपको नीचे Planning ऑप्शन पर क्लिक करना है. इसके बाद आपके सामने कुछ ऑप्शन आएंगे, इनमें आपको Planning पर क्लिक करना है.
वर्ष 1993 में 73वें व 74वें संविधान संशोधन के माध्यम से भारत में
त्रि-स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था को संवैधानिक दर्जा प्राप्त हुआ। त्रि-स्तरीय
पंचायती राज व्यवस्था में ग्राम पंचायत (ग्राम स्तर पर), पंचायत समिति
(मध्यवर्ती स्तर पर) और ज़िला परिषद (ज़िला स्तर पर) शामिल हैं।
ग्राम स्वराज्य की
अवधारणा समाज को शासनिक एवम प्रशासनिक व्यवस्था में सहभागी बनाने पर जोर देती है।
शासन की ग्राम स्वराज्य परिकल्पना
एक ऐसी व्यवस्था है जो राजनैतिक अव्यवस्था, भ्रष्टाचार, अराजकता अथवा तानाशाही जैसी समस्याओं का
पूर्ण रूप से समाधान करती है। इस परिकल्पना को आदर्श लोकतंत्र भी कहा जा सकता है।
स्वराज का शाब्दिक
अर्थ है - 'स्वशासन' या "अपना राज्य" ("self-governance" or "home-rule")। भारत के राष्ट्रीय आन्दोलन के समय प्रचलित यह शब्द
आत्म-निर्णय तथा स्वाधीनता की माँग पर बल देता था। स्वराज शब्द का पहला
प्रयोग स्वामी दयानंद सरस्वती ने किया था।
पंचायत भवन के लिए - बहुउद्देशीय पंचायत भवनों का निर्माण वर्तमान में एक पंचायत भवन की लागत रू0 17.46 लाख आता है।
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