बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना
(केन्द्रांश 100 प्रतिशत)
उक्त योजना महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा पूर्ण रूप से केंद्रपोषित योजना है| देश में गिरते हुए लिंगानुपात में समानता लाने के लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना प्रारम्भ की गयी है| जनपद स्तर पर योजना का प्रचार-प्रसार बैठकें, रैली, नुक्कड़-नाटक, बैनर पम्पलेट, होर्डिंग लगाकर किया जा रहा है| जनपद स्तर पर जिला टास्क फ़ोर्स/ब्लाक टास्क फ़ोर्स की बैठकों का आयोजन किया जा रहा है|
जिला प्रोबेशन अधिकारी, मो० नं० – 7518024016
पटल सहायक का नाम – श्री
अतुल अग्रवाल, आंकिक, मो० नं० – 8299742878
बेटी
बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का मकसद है:
- बालिकाओं
को शोषण से बचाना
- उन्हें
सही और गलत के बारे में जागरूक करना
- शिक्षा
के ज़रिए लड़कियों को सामाजिक और आर्थिक रूप से आज़ाद बनाना
- लोगों
को जागरूक करना
- महिलाओं
के लिए कल्याणकारी सेवाएं देना
यह योजना तीन मंत्रालयों के ज़रिए लागू की जा रही है:
- महिला
और बाल विकास मंत्रालय
- स्वास्थ्य
परिवार कल्याण मंत्रालय
- मानव
संसाधन मंत्रालय
बेटी
बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का क्या लाभ है?
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना से
पूरे जीवन-काल में शिशु लिंग अनुपात में कमी को रोकने में मदद मिलती है और महिलाओं
के सशक्तीकरण से जुड़े मुद्दों का समाधान होता है। यह योजना तीन मंत्रालयों द्वारा
कार्यान्वित की जा रही है अर्थात महिला और बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य परिवार कल्याण
मंत्रालय तथा मानव संसाधन मंत्रालय।
इस योजना को हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा 22 जनवरी 2015 को आरंभ
किया गया है। इस योजना के माध्यम से बालिकाओं के अस्तित्व, सुरक्षा और
शिक्षा को सुनिश्चित किया जाएगा। लिंग अनुपात में सुधार करने का भी इस योजना के
माध्यम से प्रयास किया जाएगा। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत भ्रूण हत्या
को रोका जाएगा। इसके अलावा बालिकाओं के अस्तित्व और सुरक्षा को सुनिश्चित किया
जाएगा। इस योजना के माध्यम से बालिकाओं की शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी
विभिन्न प्रकार के प्रयास किए जाएंगे। इस समय यह योजना देश के
प्रत्येक जिले में संचालित की जा रही है। इस योजना के माध्यम से बेटियों के जीवन
स्तर में सुधार आएगा एवं उनका भविष्य उज्जवल बनेगा
बेटी
बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना में बेटी के बैंक में प्रति माह कितनी राशि जमा की जाती है?
सुकन्या समृद्धि स्कीम में सालाना कम से कम 250 रुपए और अधिकतम 1.50 लाख रुपए निवेश किए जा सकते हैं. अगर
आप बेटी के पिता हैं तो आप इस स्कीम में उसके नाम खाता खुलवा सकते हैं और अच्छा
खासा अमाउंट जोड़ सकते हैं. कहते हैं बूंद-बूंद से सागर बनता है.
बेटी
बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के लिए कौन पात्र है?
परिवार
में 10 वर्ष से कम उम्र की लड़की होनी चाहिए । परिवार में बालिका के नाम पर
एक सुकन्या समृद्धि खाता या एसएसए होना चाहिए जो किसी भी भारतीय बैंक में खोला गया
हो। बालिका निवासी भारतीय होनी चाहिए। एनआरआई नागरिकों के पास बीबीबीपी योजना के
लिए पात्रता नहीं है।
केंद्र सरकार ने बेटी बचाओ बेटी
पढ़ाओ योजना 2023 को संशोधित करके एक नया रूप दिया है। इस योजना के नए रूप
में सरकार कुछ नए तत्वों जैसे-बालिकाओं को कौशल प्रदान करने, माध्यमिक
शिक्षा में उनका नामांकन बढ़ाने, मासिक धर्म संबंधी स्वच्छता के बारे में उन्हें जागरूक करने
और बाल विवाह को समाप्त करने आदि को शामिल करने जा रही है। इन नए तत्वों को शामिल
करने की सूचना लड़कियों के लिए गैर पारंपरिक आजीविका में कौशल से संबंधित
राष्ट्रीय सम्मेलन में महिला और बाल विकास सचिव इंदेवर पांडे जी ने दी है। इस
कार्यक्रम में एक नियमावली भी जारी की गई है जिसे जिलो में योजना की क्रियान्वयन
में उपयोग किया जाएगा।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का उद्देश्य
Beti Bachao Beti Padhao
Scheme का मुख्य उद्देश्य लिंग अनुपात में सुधार करना एवं बेटी के
माता-पिता को बेटियों को उच्च शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित करना है। इस
योजना के माध्यम से विभिन्न प्रकार के प्रयास किए जाएंगे जिससे कि देश के नागरिको
की सोच में बेटियों के प्रति सुधार किया जा सके। यह योजना भ्रूण हत्या रोकने में
भी कारगर साबित होगी। इसके अलावा इस योजना के माध्यम से बेटियों का भविष्य भी
उज्जवल बनेगा एवं वह शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ेगी। यह योजना बेटी और बेटे के
बीच एक समानता स्थापित करने में भी कारगर साबित होगी। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना
बेटियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगी।
कार्यक्रम का मुख्य लक्ष्य
महिलाओं को सशक्त बनाना और उनकी शिक्षा पर जोर देना था। यह कार्यक्रम फायदेमंद है; यह पहले से
ही देश भर के कई जिलों (लगभग 405 जिलों) में लागू है, और केंद्र इसे और भी प्रभावी
बनाने के लिए काम कर रहा है। मंत्रालय के नए दिशानिर्देश मौजूदा केंद्रों को
अपग्रेड करते हुए 300 अतिरिक्त केंद्रों की स्थापना का आह्वान करते हैं। इसके अतिरिक्त, महिलाओं के
लिए निर्देशित कई केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। केंद्र अब नए दिशानिर्देशों के
अनुसार नए परिसरों और ओएससी केंद्रों के रखरखाव, सुधार और निर्माण पर अधिक जोर
देगा।
योजना के संबंधित अधिकारियों ने
योजना को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल मीडिया का इस्तेमाल किया क्योंकि 80% फंड का
इस्तेमाल केवल डिजिटल विज्ञापनों में किया गया था, लेकिन वे अब फॉर्मूला बदल रहे
हैं ताकि इसका जमीन पर अधिक प्रभाव पड़े। जैसा कि मंत्रालय इस बार
स्थापित केंद्रों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जैसे कि
वन-स्टॉप सेंटर, केंद्र आत्मरक्षा केंद्र हैं जो महिलाओं को उनके खिलाफ घरेलू हिंसा से निपटने
के तरीके सीखने में मदद करते हैं। इसके अतिरिक्त, मंत्रालय अतिरिक्त 300 नए केंद्र
भी बना रहा है।
12 साल से कम उम्र की लड़कियों और लड़कों को लगभग 5 दिनों तक ओएससी केंद्रों में
रहने की अनुमति है, जबकि जरूरत पड़ने पर इस प्रवास को बढ़ाने की योजना है, जो
अधिकारियों द्वारा तय की जाएगी।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
योजना ग्रुप
·
प्राथमिक – युवा एवं
नवविवाहित जोड़े, गर्भवती एवं छोटे बच्चों की माताएं, माता पिता
·
माध्यमिक – युवा, किशोर, चिकित्सक, निजी
अस्पताल, नर्सिंग होम एवं डायग्नोस्टिक सेंटर
·
तृतीय – अधिकारी, पंचायती राज
संस्थान, अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ता, महिला स्वयं सहायता समूह/सामूहिक, धार्मिक
नेता, स्वयंसेवी संगठन, मीडिया, चिकित्सा संघ, उद्योग संघ, आम जनता
योजना के कॉम्पोनेंट्स
मीडिया अभियान: इस योजना के
माध्यम से लोगों के बीच बेटियों को लेकर जागरूकता पैदा करने के लिए विभिन्न प्रकार
के मीडिया अभियान भी संचालित किए जा रहे हैं। यह अभियान टीवी, रेडियो, इंटरनेट, न्यूज़पेपर
आदि के माध्यम से संचालित किए जा रहे हैं। जिनके माध्यम से देश के नागरिकों को की
बेटियों को लेकर नकारात्मक सोच को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।
चुनिंदा जेंडर क्रिटिकल जिलों
में बहु छेत्रीय हस्तक्षेप सीएसआर: राज्य टास्क फोर्स के माध्यम से
जेंडर क्रिटिकल जिलों में कार्यवाही की जाएगी। इस कार्यवाही के माध्यम से यह
निर्णय लिया जाएगा कि इन जिलों का जेंडर क्रिटिकल होने का क्या कारण है। इसके
पश्चात इन जिलों को जेंडर क्रिटिकल कैटेगरी से निकालने का प्रयास किया जाएगा।
सरकार द्वारा इस कार्य में विभिन्न प्रकार के अभियानों का संचालन किया जाएगा।
Beti Bachao Beti Padhao
Yojana के टारगेट
·
जेंडर
क्रिटिकल जिलों में लिंग अनुपात में 1 वर्ष में 2 अंक तक
सुधार करना।
·
सीएसआर में
सुधार और लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए समुदायों को संगठित करने के
लिए निर्वाचित प्रतिनिधियों/जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को समुदाय चैंपियन के रूप
में प्रकाशित करना।
·
यौन अपराधों
से बच्चों का संरक्षण अधिनियम 2012 के कार्यान्वयन के माध्यम से बालिकाओं के लिए सुरक्षात्मक
वातावरण को बढ़ावा देना।
·
संयुक्त
आईसीडीएस एनएचएम मात्र बाल संरक्षण कार्ड का उपयोग करके आईसीडीएस का सर्वभौमिकरण, लड़कियों की
उपस्थिति और समान देखभाल की निगरानी सुनिश्चित करना।
·
5 वर्ष से कम आयु वाली कम वजन और एनीमिया से पीड़ित बालिकाओं की संख्या को कम
करना एवं बालिकाओं के पोषण स्तर में सुधार करना।
·
चयनित जिलों
के प्रत्येक स्कूल में बालिकाओं के लिए शौचालय उपलब्ध करवाना।
·
माध्यमिक
शिक्षा में बालिकाओं के नामांकन को बढ़ाकर 82% करना।
·
पहली तिमाही
एएमसी पंजीकरण में प्रतिवर्ष कम से कम 1% की वृद्धि करना।
· संस्थागत प्रसव में प्रतिवर्ष कम से कम 1.5% की वृद्धि करना।
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